Last updated on January 3rd, 2020 at 02:45 pm
मातृ दिवस के अवसर पर, हमने ‘माँ’ पर एक दिल को छूने वाली कविता बनाई हैं, जो सभी माँ को समर्पित हैं। माँ हमेशा अपने बच्चे और मानव जाति के लिए एक आशीर्वाद हैं। माँ हमारी ज़िंदगी को इतना आसान बनाती हैं, माँ अपने बच्चो से सबसे ज्यादा प्यार भी करती हैं, माँ हमेशा कड़ी मेहनत करती रही हैं और मल्टीटास्किंग काम करती भी हैं। मातृ दिवस के इस विशेष अवसर पर, मेरी माँ के लिए, आपकी मां के लिए और हर किसी के लिए यहां कुछ खास है। असल में, हमने हिंदी में ‘माँ’ पर बहुत खूबसूरत कविताएं बनाई हैं। हमे आशा है कि आप सभी इसे पसंद करेंगे।
1.
“पहली धड़कन भी मेरी,
धरकी की तेरी भीतर जमीन को छोड़कर, बता में जाउ कहा।
आंखें खोली जब पहली दफा, तेरा चेहरा ही दिख,
ज़िंदगी का हर लम्हा, जीना तुझसे ही सीखा।
2.
ख़ामोश सी मेरी जुबान को, सुर भी तूने ही दिया,
स्वेत परी मेरी अभिलाषाओं को, रंगो से तूने भर दिया।
अपना निराला छोड़ कर, मेरे खातिर तूने भंडार भरे,
मैं भले नाकामयाब रहा, फिर भी मेरे होने का तूने अहंगकार भरा।
3.
वोह रात को छिपकर, जब तू अंधेरे मे अकेले रोया करती थी,
दर्द होता था मुझे भी, सिसिकिया मैंने भी सुनी थी।
नासमझ था मैं, जब इतनी खुद का भी मुझे भान नहीं था,
तू ही बस वह एक थी, जिसे मेरी भूक प्यास का पता था।
4.
पहले जब मैं बेतहाश धूल मे खेला करता था,
तेरी चुरिया, तेरी पायल की आवाज़ से डर लगता था,
लगता था, तू आएगी बहुत डातेगी और कान पकड़ कर मुझे ल जाएगी।
5.
माँ आज भी, जब किसी दिन मुझे धुंध धुंध सा लगता है,
चुरिया के बीच से,
तेरी उरते गुस्से भरी आवाज़ को सुनने का मन करता है,
मन करता है, तू आ जाए,
बहुत डाटे और कान पकड़ कर मुझे ल जाए।
6.
जाना चाहता हु, उस बच्चपन में फिर से,
जहा तेरी गोद मे सोया करता था,
जब काम ना हो कोई मेरे मन्न को, तो हर बात पर रोया करता था।”
दोस्तो आज मातृ दिवस है। यह दिन बच्चो के जीवन में सबसे ज्यादा मह्वपूर्ण इंसान माँ को समर्पित है। भले ही यह दिन भी, अन्य दिनों की तरह विदेशी संस्कारसं की ही देन है। पर हम भी इसे मानते हैं और आशा करूंगा सभी लोग भी इस दिन को बाकी दिवस के तरह मनाएंगे।
दोस्तो माँ एक ऐसा शब्द है, जो किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे ज्यादा अहमियत रखता है। ईश्वर सभी जगह उपस्थित नहीं रह सकता, इसलिए उसने धरती पर माँ का स्वरूप बिक्षित किया है। जो हर परेशानी और हर मुश्किल घड़ी में अपने बच्चो का साथ देती है, उन्हें दुनिया के हर ग़म से बचाती है। बच्चा जब जन्म लेता है, तो सबसे पहले वोह माँ बोलना सीखता है। माँ के रूप में, बच्चे को निस्वार्थ प्रेम और त्याग की प्राप्ती होती है, तो वही माँ बनना किसी भी महिला को पूर्णता प्रदान करती है।
” माँ तेरी दूध का कर्ज, मुझसे कभी अदा नहीं होगा,
अगर कभी रही तू नाराज़, तो खूस वोह ख़ुदा मुझसे क्या होगा।”
” ख़ुदा का दूसरा रूप है माँ, ममता की गहरी झील है माँ,
वह घर किसी जन्नत से कम नहीं, जिस घर में ख़ुदा की तरह पुजी जाती है माँ।”
HAPPY MOTHER’S DAY
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